Tuesday, June 12, 2012
फिर मेरी ही किस्मत में क्यूँ देर लगाना है
जब दर पे तुम्हारे ही अधमों का ठिकाना है |
फिर मेरी ही किस्मत में क्यूँ देर लगाना है ||
तारोगे तो तर जायेंगे छोड़ोगे तो बैठे हैं |
दरबार से अब हरगिज उठकर नहीं जाना है |
फिर मेरी ही किस्मत में क्यूँ देर लगाना है ||
फरियाद को सुनने में है कौन सिवा तुमसे |
गर् तुम न सुनोगे तो फिर किसको सुनाना है |
फिर मेरी ही किस्मत में क्यूँ देर लगाना है ||
दृग बिंदु की शक्लों में ख्वाहिश है मेरे दिल की |
जरिया तो है आँखों का आंसू का बहाना है |
फिर मेरी ही किस्मत में क्यूँ देर लगाना है ||
Monday, June 11, 2012
खबर कर दो रघु नंदन को
खबर कर दो रघु नंदन को , खड़े हम दर पर दर्शन को |
लख चौरासी स्वांग धर ,नाना कष्ट उठाय |
जन्म मरण से होय दुखी मैं पड़ा शरण में आय ||
झुकाए हुए हैं गर्दन को , खबर कर दो रघु नंदन को |
खबर कर दो रघु नंदन को , खड़े हम दर पर दर्शन को |
यद्यपि तुमने ही दिया ,रूप शील गुण खान |
किन्तु हरी के भजन बिन सब ही है बेकार ||
करें क्या लेकर इस धन को,खबर कर दो रघु नंदन को |
खबर कर दो रघु नंदन को , खड़े हम दर पर दर्शन को |
खेल तमाशों में मेरा मन दौड़ –दौड़ के जाय |
भजन भयंकर सा लगे और बुद्धि भ्रष्ट हो जाय ||
कहाँ तक रोयें कर्मों को ,खबर कर दो रघु नंदन को |
खबर कर दो रघु नंदन को , खड़े हम दर पर दर्शन को |
नौका पापों से भरी ,डूब रही मझधार |
कछु डूबी कछु डूबन वाली ,एक तुम्ही आधार ||
उबारो हम जैसा पापी , खबर कर दो रघु नंदन को |
खबर कर दो रघु नंदन को , खड़े हम दर पर दर्शन को |
Sunday, June 10, 2012
भगवान तुम्हारे चरणों में
भगवान तुम्हारे चरणों में, मै तुम्हे रिझाने आया हूँ |
वाणी में तनिक मिठास नहीं, पर विनय सुनाने आया हूँ |
प्रभु का चरणामृत लेने को, है पास मेरे कोई पात्र नहीं |
आँखों के दोनों प्यालों में, कुछ भीख माँगने आया हूँ ||
तुमसे लेकर क्या भेंट करूं, भगवान तुम्हारे चरणों में |
मैं भिक्षुक हूँ तुम दाता हो ,सम्बन्ध बताने आया हूँ ||
सेवा की कोई वास्तु नहीं, फिर भी मेरा साहस देखो |
मैं लेकर आज आंसुओं का, एक हार चढ़ाने आया हूँ ||
भगवान तुम्हारे चरणों में, मै तुम्हे रिझाने आया हूँ |
भगवान तुम्हारे चरणों में, मै तुम्हे रिझाने आया हूँ ||
Friday, June 8, 2012
एक अर्ज मेरी सुन लो
एक अर्ज मेरी सुन लो, ओ मेरे प्यारे हनुमत !
कर देना मेरी नैया, तुम पार मेरे हनुमत !!
अच्छा हूँ या बुरा हूँ ,हूँ दास मैं तुम्हारा !
जीवन का भार तुम पर है मेरे स्वामी हनुमत !!
तुम हो अधम जनों का उद्धार करने वाले !
मैं हूँ अधम जनों का सरदार मेरे हनुमत !!
करुना निधान तुमको करुना तो होगी करनी !
वरना न होगे दास तुम श्री राम के ओ हनुमत !!
ख्वाईस ये है हमारी कुछ बूँद अश्रु लेकर !
देना मुझे आशीष तुम ओ मेरे प्यारे हनुमत !!
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