Saturday, May 26, 2012
॥ निर्वाण षटकम्॥
॥ निर्वाण षटकम्॥
मनो बुद्ध्यहंकारचित्तानि नाहम् न च श्रोत्र जिह्वे न च घ्राण नेत्रे
न च व्योम भूमिर् न तेजॊ न वायु: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवॊऽहम् ॥
न च प्राण संज्ञो न वै पञ्चवायु: न वा सप्तधातुर् न वा पञ्चकोश:
न वाक्पाणिपादौ न चोपस्थपायू चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवॊऽहम् ॥
न मे द्वेष रागौ न मे लोभ मोहौ मदो नैव मे नैव मात्सर्य भाव:
न धर्मो न चार्थो न कामो ना मोक्ष: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवॊऽहम् ॥
न पुण्यं न पापं न सौख्यं न दु:खम् न मन्त्रो न तीर्थं न वेदा: न यज्ञा:
अहं भोजनं नैव भोज्यं न भोक्ता चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवॊऽहम् ॥
न मृत्युर् न शंका न मे जातिभेद: पिता नैव मे नैव माता न जन्म
न बन्धुर् न मित्रं गुरुर्नैव शिष्य: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवॊऽहम् ॥
अहं निर्विकल्पॊ निराकार रूपॊ विभुत्वाच्च सर्वत्र सर्वेन्द्रियाणाम्
न चासंगतं नैव मुक्तिर् न मेय: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवॊऽहम् ॥
--शंकराचार्य रचित
Saturday, May 5, 2012
हे महा वीर मेरे स्वामी ,उद्धार करो इस दुनिया से!
हे महा वीर मेरे स्वामी ,उद्धार करो इस दुनिया से!
छोटी सी भेट स्वीकार करो,प्रभु मुझ अज्ञानी दुखिया से!!
हे महा वीर मेरे स्वामी ,उद्धार करो इस दुनिया से!
तुम महा शक्ति,तुम महाकाल, जीवन प्रदान करने वाले!
श्री राम चन्द्र की भक्ति मे जीवन अर्पण करने वाले!!
हे महा वीर मेरे स्वामी ,उद्धार करो इस दुनिया से!
हम बाल तुम्हारे द्वार खड़े,कब से प्रभु तुम्हे पुकार रहे!
तुम दयावान हो, दया करो प्रभु,सन्त तुम्हे सब कोई कहे!!
हे महा वीर मेरे स्वामी ,उद्धार करो इस दुनिया से!
अतुलित बल है तुममे,जिसका प्रभु तुमको कोई ध्यान नही!
हम याद दिलाते है तुमको,अपने को तुम समझो तो सही !!
हे महा वीर मेरे स्वामी ,उद्धार करो इस दुनिया से!
हम महाजाल मे है अटके,इस जाल को तुम काटो मेरे!
निज भक्ती दे दो हे भगवन,हम बालक है नादान तेरे!!
हे महा वीर मेरे स्वामी ,उद्धार करो इस दुनिया से!
मै दीन-दुखी बेसहारा हूँ ,मेरा तो कोई सहारा नही!
एक मात्र आसरा प्रभु तुम से ,है और कोई भी मेरा नही!!
हे महा वीर मेरे स्वामी ,उद्धार करो इस दुनिया से!
मेरे अपराध क्षमा कर दो,हम बच्चे है तेरे भगवन!
अब तो प्रभु मेरी पुकार सुनो,अब दूर करो मेरे बन्धन!!
हे महा वीर मेरे स्वामी ,उद्धार करो इस दुनिया से!
है लाल-लाल मुख तेरा प्रभु,है लाल-लाल तेरी काया !
वो सब कुछ है तेरा भगवन,जो कुछ भी हमने है पाया !!
हे महा वीर मेरे स्वामी ,उद्धार करो इस दुनिया से!
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