शाकम्भरी नवरात्री :
पौष माह की शुक्ल पक्ष अष्टमी से पौष पूर्णिमा का समय शाकम्भरी नवरात्री कहलाता है .प्रत्येक वर्ष में दो मुख्य नवरात्री , चैत्र व शारदीय नवरात्री होते हैं जो चैत्र व आश्विन मास की प्रतिपदा से नवमी तक होते हैं . इसके अलावा माघ व आषाढ़ मास मे दो गुप्त नवरात्री भी प्रतिपदा से नवमी तक होते हैं .परन्तु शाकम्भरी नवरात्रि को अष्टमी से पूर्णिमा तक मनाते हैं . इस वर्ष यह नवरात्रि 8 जनवरी से 16 जनवरी तक मनाया जाएगा .
तंत्र-मंत्र के साधकों को अपनी सिद्धि के लिए यह नवरात्रि खास माना जाता है । इन दिनों साधक वनस्पति की देवी मां शाकंभरी की आराधना करेंगे। मां शाकंभरी ने अपने शरीर से उत्पन्न शाक-सब्जियों, फल-मूल आदि से संसार का भरण-पोषण किया था। इसी कारण माता 'शाकंभरी' नाम से विख्यात हुईं।
देशभर में मां शाकंभरी के तीन प्रमुख शक्तिपीठ हैं। पहला राजस्थान के सीकर जिले में उदयपुर वाटी के पास सकराय माताजी के नाम से स्थित है। दूसरा स्थान राजस्थान में ही सांभर जिले के समीप शाकंभर के नाम से स्थित है और तीसरा स्थान उत्तरप्रदेश के सहारनपुर में 40 किलोमीटर की दूर पर स्थित है।
शाकंभरी माताजी का प्रमुख स्थल अरावली पर्वत के मध्य सीकर जिले में सकराय माताजी के नाम से विश्वविख्यात हो चुका है। तंत्र-मंत्र के जानकारों की नजर में इस नवरात्रि को तंत्र-मंत्र की साधना के लिए अतिउपयुक्त माना गया है।
सकरई माता मंदिर
पौष माह की शुक्ल पक्ष अष्टमी से पौष पूर्णिमा का समय शाकम्भरी नवरात्री कहलाता है .प्रत्येक वर्ष में दो मुख्य नवरात्री , चैत्र व शारदीय नवरात्री होते हैं जो चैत्र व आश्विन मास की प्रतिपदा से नवमी तक होते हैं . इसके अलावा माघ व आषाढ़ मास मे दो गुप्त नवरात्री भी प्रतिपदा से नवमी तक होते हैं .परन्तु शाकम्भरी नवरात्रि को अष्टमी से पूर्णिमा तक मनाते हैं . इस वर्ष यह नवरात्रि 8 जनवरी से 16 जनवरी तक मनाया जाएगा .
तंत्र-मंत्र के साधकों को अपनी सिद्धि के लिए यह नवरात्रि खास माना जाता है । इन दिनों साधक वनस्पति की देवी मां शाकंभरी की आराधना करेंगे। मां शाकंभरी ने अपने शरीर से उत्पन्न शाक-सब्जियों, फल-मूल आदि से संसार का भरण-पोषण किया था। इसी कारण माता 'शाकंभरी' नाम से विख्यात हुईं।
देशभर में मां शाकंभरी के तीन प्रमुख शक्तिपीठ हैं। पहला राजस्थान के सीकर जिले में उदयपुर वाटी के पास सकराय माताजी के नाम से स्थित है। दूसरा स्थान राजस्थान में ही सांभर जिले के समीप शाकंभर के नाम से स्थित है और तीसरा स्थान उत्तरप्रदेश के सहारनपुर में 40 किलोमीटर की दूर पर स्थित है।
शाकंभरी माताजी का प्रमुख स्थल अरावली पर्वत के मध्य सीकर जिले में सकराय माताजी के नाम से विश्वविख्यात हो चुका है। तंत्र-मंत्र के जानकारों की नजर में इस नवरात्रि को तंत्र-मंत्र की साधना के लिए अतिउपयुक्त माना गया है।
सकरई माता मंदिर