Sunday, February 15, 2015

शिव धुन

शिव धुन

तीन लोक के दाता
मैंने जोड़ा है तुमसे नाता
तीन लोक के दाता

मन में तू है
तू ही मेरे नैनो में है मुस्काता
तीन लोक के दाता
मैंने जोड़ा है तुमसे नाता
तीन लोक के दाता

रूप एक है,नाम हज़ारों
नीलकंठ विषधारी
मै किस नाम से तुझे पुकारूं
महादेव त्रिपुरारी
पल पल मेरा रोम रोम है तेरे ही गुण गाता
तीन लोक के दाता
मैंने जोड़ा है तुमसे नाता
तीन लोक के दाता


तेरी दया है, कृपा है तेरी
यह उपकार है तेरा 
तूने सब कुछ दिया मुझे है
मै तो तेरा दिया ही खाता
तीन लोक के दाता
मैंने जोड़ा है तुमसे नाता
तीन लोक के दाता

तुझमे मात पिता को देखा , देखे बंधू भ्राता
तीन लोक के दाता
मैंने जोड़ा है तुमसे नाता
तीन लोक के दाता

तेरे चरणों से एक पल भी
दूर न होने पाऊं
जैसे बूँद मिले सागर में ,मैं तुझमे खो जाऊं
मुझ पे अपना प्रेम का रस तू
यूं ही रहे बरसाता
तीन लोक के दाता
मैंने जोड़ा है तुमसे नाता
तीन लोक के दाता