
वैष्णो देवी चालीसा
मात् स्वरूपा सर्व गुणी वैष्णो कष्ट निदान !!
शक्ति भक्ति दो हमको , दिव्य शक्ति की ख़ान !!
अभय दायिनी भय मोचनी, करुणा की अवतार !!
संकट त्रस्त भक्तों का,अब कर भी दो उद्धार !!
!! जय जय अंबे जय जगदम्बे !!
गुफा निवासिनी मंगला माता ! दया तुम्हारी जग विख्याता !!
अल्प बुद्धि हम हैं अज्ञानी ! ज्ञान उजियारा दो महारानी !!
दुख सागर से हमें निकालो ! भ्रम के भूतों से हमें बचा लो !!
पूत के सब अवरोध हटाना ! अपनी छाया में हमें छुपाना !!४
!! जय जय अंबे जय जगदम्बे !!
भक्त वत्सला भव भय हरिणी ! आदि अनंत मातु जग जननी !!
दिव्य ज्योति जहाँ होये उजागर ! वहाँ उदय हो धर्म दिवाकर !!
पाप नाशिनी पुण्य की गंगा ! तेरी सुधा से तरें कुसंगा !!
अमृतमयी तेरी मधुकर वाणी ! हर लेती अभिमान भवानी !!८
!! जय जय अंबे जय जगदम्बे !!
सुखद सामग्री दो भक्तन को ! करो फल दायक मेरी चिंतन को !!
दुख में न विचलित होने देना ! धीरज धर्म न खोने देना !!
उत्साह वर्धक कला तुम्हारी ! मार्ग दर्शक बनो तुम हमारी !!
घेरे कभी जो विषम अवस्था ! तू ही सुझाना माँ कोई रस्ता !!१२
!! जय जय अंबे जय जगदम्बे !!
माया द्वेष के विषधर काले ! हैं सदभाव को डसनेवाले !!
उनपर अंकुश सदा लगाना ! दुर्गुण को सद्गुण से मिटाना !!
परम तृप्ति का जल दे देना ! दुर्बल काया को बल देना !!
आत्मिक शांति के हम अभिलाषी ! हमें बना दे दृण विश्वासी !!१६
!! जय जय अंबे जय जगदम्बे !!
बसी हो तुम श्रीधर के मन में ! ज्योत तुम्हारी है कन कन में !!
हम अभिषेक माँ करें तुम्हारा ! कर दो माँ उद्धार हमारा !!
विकट लंगूर हैं प्रहरी तेरे ! भजे तुम्हे माँ सांझ सवेरे !!
विश्व विजयी है तेरी शक्ति ! भव निधि तारक पावन भक्ति !!२०
!! जय जय अंबे जय जगदम्बे !!
विघ्न हरण जग पालन कारी ! सिंह वाहिनी मैया प्यारी !!
कृपा दृष्टि हम पर कर देना ! सच्चे सुख की वृष्टि करना !!
यश गौरव सम्मान बढ़ाना ! प्रतिभा का सूरज चमकाना !!
स्वच्छ सार्थक श्रद्धा देना ! शरण में अपनी तुम ले लेना !!२४
!! जय जय अंबे जय जगदम्बे !!
शारदा, लक्ष्मी और महाकाली ! तीनो का संगम बलशाली !!
रखना सिरों पे हाथ हमारे ! सदा ही रहियो साथ हमारे !!
संकट विपदा भव भय हरना ! दुर्गम काज सुगम माँ करना !!
हे दिव्य ज्योति सर्व व्यापक ! तेरी दया के हम हैं याचक !!२८
!! जय जय अंबे जय जगदम्बे !!
बुद्धि विवेक विद्या दायिनी ! शक्ति तुम्हारी है रसायनी !!
रोग शोक संताप को हरती ! दुर्लभ वस्तु सुलभ है करती !!
जाप तेरा जब रंग दिखाता ! भावसागर जल सूख है जाता !!
रत्नो से घर भर दो मैया ! विष को अमृत कर दो मैया !!३२
!! जय जय अंबे जय जगदम्बे !!
भक्ति सुमन जो करते अर्पण ! धो देती उनके मन दर्पण !!
हे त्रिभुवन की सिरजन हारी ! सदा ही रखियो लाज हमारी !!
सुखमय जीवन का वर देना ! सकल मनोरथ सिद्ध कर देना !!
हिम पर्वत पर रहनेवाली ! करना आश्रित की रखवाली !!३६
!! जय जय अंबे जय जगदम्बे !!
दैत्यों की संघारक माता ! सबकी कष्ट निवारक माता !!
अखिल विश्व है तेरे सहारे ! रोम रोम तेरा नाम उच्चारे !!
स्वामिनी हो हम सब पूतन की ! त्रैलोकी के आवागमन की !!
हाथ दया का सिर पर रखना ! हे मंगला, अमंगल हरना !!४०
!! जय जय अंबे जय जगदम्बे !!
वैष्णो मैया रक्षा करना हम भक्तो की सर्वदा |
दूर भगाना जब भी आये हम पर कोई आपदा ||
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