Wednesday, July 14, 2010

शंकर रूप लिए हनुमान

जय गणेश गिरिजा सुअन मंगल मूल सुजान|
हनुमान वंदन करूँ , जय हो कृपा निधान ||

जय हनुमान दया के सागर , संकट मोचन शरण दान कर ||
शंकर रूप लिया धरती पर , दया करो अब हम पर सब पर ||
सूर्य देव हैं गुरु तुम्हारे देते सबको शक्ति|
चाहे कोई करे ना करे उनकी कोई भक्ति ||
सूर्य शिष्य हो तुम भी करते रहना यह उपकार|
हम हैं अज्ञानी हम मूरख करना बेड़ा पार ||
बैठ पताका रथ की तुमने अर्जुन का भी काम किया|
दे आशीस दया कर देना जीवन तेरे नाम किया||

No comments:

Post a Comment