सीता राम भजन
सीता राम सीता राम सीताराम कहिये .
जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये ..
मुख में हो राम नाम राम सेवा हाथ में .
तू अकेला नाहिं प्यारे राम तेरे साथ में .
विधि का विधान जान हानि लाभ सहिये .
जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये ..
किया अभिमान तो फिर मान नहीं पायेगा .
होगा प्यारे वही जो श्री रामजी को भायेगा .
फल आशा त्याग शुभ कर्म करते रहिये .
जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये ..
ज़िन्दगी की डोर सौंप हाथ दीनानाथ के .
महलों मे राखे चाहे झोंपड़ी मे वास दे .
धन्यवाद निर्विवाद राम राम कहिये .
जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये ..
आशा एक रामजी से दूजी आशा छोड़ दे .
नाता एक रामजी से दूजे नाते तोड़ दे .
साधु संग राम रंग अंग अंग रंगिये .
जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये ..
काम रस त्याग प्यारे राम रस पगिये .
सीता राम सीता राम सीताराम कहिये .
सारन को सार एक,राम राम भजिये..
जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये ..
Sunday, January 29, 2012
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