Friday, April 6, 2012

हनुमान प्रार्थना

हनुमान प्रार्थना



जय रघुकुल-मणि के प्रिय सेवक,

जय गौरीपति के अवतार I

जय लक्ष्मण के परिरक्षक,

जय सीताजी के खोजनहार II



जय निशिचर-गण के विध्वंशक,

भक्त-जनों के परित्राता I

कायरता कलि कलेश निवारक,

महा-बुद्धि, बल के दाता II



भाग्य - विधाता हो दुखियो के,

करुणा के तुम हो आगार I

जय लक्ष्मण के परिरक्षक,

जय सीताजी के खोजनहार II



देव ! तेरी पावन पूजा से,

भक्त - जनों की व्यथा टली I

जय हम दुखियों के इष्ट देव,

जय महावीर बजरंज बली II



मन की कली खिला दो, प्रभु जी !

जन - जन का हो बेड़ा पार I

जय लक्ष्मण के परिरक्षक,

जय सीताजी के खोजनहार II



ऐसी कृपा करो, प्रभु ! मुझ पर,

निशि - वासर मै तुमको ध्याऊँ I

प्रभु चरणों का लिये आसरा,

सकल कामना बिसराऊ II



भक्त गण गाएं युगों - युगों तक,

तेरी महिमा अपरम्पार I

जय लक्ष्मण के परिरक्षक,

जय सीताजी के खोजनहार II

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