Monday, September 10, 2012

मैया ओढ़े है चुनरी



आई सिंह पे सवार, मैया ओढ़े है चुनरी |
मैया ओढ़े है चुनरी, मैया ओढ़े है चुनरी ||
आदि शक्ति है मातु भवानी,जय दुर्गे माँ काली |
बड़े बड़े राक्षस संहारे, रणचंडी मतवाली ||
करती भक्तों का उद्धार ,मैया ओढ़े है चुनरी ||  
मैया ओढ़े है चुनरी, मैया ओढ़े है चुनरी ||
महिषासुर था  महाबली, देवों को खूब सताया |
छीन लिया इन्द्रासन और देवों को मार भगाया ||
करी तब देवों ने पुकार,मैया ओढ़े है चुनरी |
 मैया ओढ़े है चुनरी, मैया ओढ़े है चुनरी ||
दुर्गा का अवतार लिया झट महिषासुर झट महिषासुर संहारी |
दूर किया देवों का संकट ,लीला तेरी न्यारी ||
किया देवों पे उपकार ,मैया ओढ़े है चुनरी |
मैया ओढ़े है चुनरी, मैया ओढ़े है चुनरी ||
जो भी जिस आशा से माता द्वार तिहारे आता |
हर इच्छा होती है पूरी, मुँह माँगा फल पाता ||
तेरा गुण गावे संसार मैया ओढ़े है चुनरी |
 मैया ओढ़े है चुनरी, मैया ओढ़े है चुनरी ||
कष्ट अनेको मुझको घेरे ,कौन हरे दुःख मेरे |
नाम तेरा रटता हूँ मैया मैं हर साँझ सबेरे |
सेवक करता है पुकार मैया ओढ़े है चुनरी |
  मैया ओढ़े है चुनरी, मैया ओढ़े है चुनरी ||
आई सिंह पे सवार, मैया ओढ़े है चुनरी |
मैया ओढ़े है चुनरी, मैया ओढ़े है चुनरी ||

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