Saturday, March 9, 2013

गर्जिया देवी मंदिर



गर्जिया देवी
उत्तराखण्ड के सुंदर खाल गाँव में गर्जिया देवी का मन्दिर है जो माता पार्वती के प्रमुख मंदिरों में से एक है. यह मंदिर श्रद्धा एवं विश्वास का अदभूत उदाहरण है. उत्तराखण्ड का यह प्रसिद्ध मंदिर रामनगर से कुछ ही दूरी पर स्थित है. मंदिर छोटी पहाड़ी के ऊपर बना हुआ है यहां का खूबसूरत वातावरण शांति एवं रमणीयता का एहसास दिलाता है.
गर्जिया मंदिर कथा |

उत्तराखण्ड का यह देवी मंदिर अपनी आस्था के लिए बहुत प्रसिद्ध है. मंदिर के सामने से ही पवित्र कोसी नदी के दर्शन होते हैं. मंदिर में मां के दर्शनों को जाने वाले भक्त मां पर नारियल, सिंदूर, धूप, दीप, लाल चुनरी आदि चढ़ावे के रूप में चढ़ाते हैं. पर्वत राज अर्थात गिरिराज हिमालय की पुत्री होने के कारण ही मां पार्वती को यहां पर गर्जिया के नाम से जाना जाता है. कहते हैं कि यह स्थान बहुत समय पहले घने जंगलों से युक्त था. परंतु एक बार यहां के कुछ लोगों ने पहाड़ पर माता की मूर्तियों को देखा.

इस नज़ारे को देखकर वहां के लोगों ने माता की इस महिमा को देख कर यहां पर मंदिर का निर्माण करने की सोची . मान्यता है कि माता का मंदिर जिस स्थान पर स्थित है वह यहां पर कोसी नदी में बाढ़ में बहकर आ रहा था. और जब भैरव ने प्रतिमाओं को बहते हुए देखा तो उन्हें रोकना चाहा इस पर भी वह न रूकीं तो भैरव ने कहा ठहरो बहन ठहरो तथा यहीं पर मेरे साथ निवास करो. तभी से मां गर्जिया इसी स्थान पर एक टीले पर निवास कर रही हैं.
गर्जिया देवी मंदिर उत्सव |

गर्जिया देवी मंदिर में अनेक उत्सवों का आयोजन किया जाता है. यहां पर वर् षभर मां गर्जिया देवी जी की पूजा हेतु भक्तों की भारी भीड़ देखी जा सकती है. सभी श्रद्धालु लोग यहां पर माता के दर्शनों एवं आशीर्वाद पाने की कामना से आते रहते हैं. मंदिर में वसंत पंचमी के अवसर पर भक्तों का तांता लगा रहता है इस अवसर पर मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की जाती है तथा भंडारे का इंतज़ाम भी होता है.

इस के अतिरिक्त शिवरात्री के पावन पर्व पर लोग दूर-दूर से माता गर्जिया देवी के दर्शनों हेतु आते हैं. कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान का आयोजन होता है इस अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालु गण कोसी नदी में स्नान करते हैं. उत्तरायण, नवरात्र एवं गंगा दशहरे के अवसर पर मंदिर में उत्सव सा माहौल रहता है. मंदिर में देश भर से आने वाले भक्तों की भीड़ उमड़ती है.
गर्जिया मंदिर धार्मिक महत्व ।

मंदिर में मां गर्जिया देवी की तथा भैरव जी की भी प्रतिमा है इसके साथ ही भगवान शिव, गणेश तथा सरस्वती जी की मूर्तियां भी विराजमान हैं. मंदिर में मां की पूजा पश्चात भैरव की पुजा होती है मान्यता है की बाबा भैरव की पूजा करने के बाद ही माता की पूजा का फल प्राप्त होता है.

गर्जिया मंदिर तीर्थ स्थल पर भक्तों की पूर्ण आस्था है. यहां आए भक्त माँ की महिमा का बखान करते नही थकते. मान्यता है कि मां गर्जिया श्रद्धालुओं की सच्ची श्रद्धा भक्ति से प्रसन्न हो उनकी सभी मनोकामनाओं को पूरा करती हैं और मनोकामना के पूर्ण होने पर भक्त लोग यहां मंदिर में छतरी या घंटी चढ़ाते हैं.

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