Friday, February 28, 2014

घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग- उत्तर प्रदेश

एक मान्यता के अनुसार घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में कुम्भापुर ग्राम में स्थित है |पौराणिक मान्यताओं तथा प्राचीन विद्वानों के अनुसार यह ज्योतिर्लिंग भगवान शंकर के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक घुश्मेश्वरनाथ ज्योतिर्लिंग है।यंहा पर घुश्मेश्वरनाथ-ज्योतिर्लिंग का दर्शन लोक-परलोक दोनों के लिए अमोघ फलदाई है | प्रतापगढ़ की इस पावन धरा एवं पौराणिक नगरी का नाम “बाबा घुइसरनाथ धाम” है|
श्री घुश्मेश्वरनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने से सभी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं व सुखसमृद्धि की प्राप्ति होती है। बाबा हर रूप में, हर रंग में करते हैं भक्तों का कल्याण, वो न सिर्फ देते हैं भक्तों को वरदान बल्कि अनिष्ट की आशंका से भी सावधान करते हैं |
अमेठी और प्रतापगढ़ घुइसरनाथ के करीबी रेलवे स्टेशन है , धाम पहुँचने के लिए आप कुंडा रेलवे स्टेशन पर भी उतर सकते हैं | धाम से दोनो रेलवे स्टेशनों की दूरी मात्र 32 किमी है |
इसके ज्योतिर्लिंग होने के बारे में निम्न तर्क दिए जाते हैं -
१- वाशिष्ठी नदी के किनारे बिल्व पत्रों एवं मंदार के वन ...
शिव पुराण के अनुसार ज्योतिर्लिंग के क्षेत्र में वाशिष्ठी नदी बहती थी , जिसके किनारे मंदारवन(आकड़ों का वन ) तथा बेल पत्र के वन थे जिनसे भगवान घुश्मेश्वर की प्रतिदिन पूजा की जाती थी .ग्राम कुम्भापुर (पहले इलापुर) स्थित ज्योतिर्लिंग क्षेत्र के पास सई नदी बहती है जो पूर्वकाल की वाशिष्ठी नदी ही है तथा इसके किनारे बिल्वपत्रों का वन आज भी विरल रूप में स्थित है . मंदार के पौधे आज भी झुण्ड रूप में वन क्षेत्र में विद्यमान हैं |
२- उपलिंग का होना ....
शिव पुराण के अनुसार ज्योतिर्लिंग के क्षेत्र में एक उपलिंग जरूर होता है | बाबा घुश्मेश्वरनाथ धाम के नजदीक ही देऊम में बूढ़ेनाथ धाम मंदिर में स्थित बूढ़ेश्वर शिवलिंग के बारे में मान्यता है कि यहां के शिवलिंग की स्थापना किसी व्यक्ति विशेष ने नहीं की, बल्कि उनका उद्भव स्वयं हुआ है और १२वें ज्योतिर्लिंग भगवान घुश्मेश्वर जी के उपलिंग के रूप में प्रसिद्ध हुए हैं |
३- जगद्गुरु आदि शंकराचार्य ने घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा और प्रार्थना इस प्रकार की है–
इलापुरे रम्याविशालकेऽस्मिन्।
समुल्लसन्तं च जगदवरेण्यम्।।
वन्दे महोदारतरस्वभावं।
घुश्मेश्वराख्यं शरणं प्रपद्ये।।
और इलापुर ही बाद में कुम्भापुर गाँव नाम से जाना गया |
इस मंदिर के बारे में अधिक जानकारी के लिए www.ghuisarnathdham.com पर जा सकते हैं |

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