Wednesday, April 21, 2010

ॐ गणेशाय नमः
जय गणेश जय गणेश
जय शिव शंकर जय शिव शंकर
जय श्री राम जय हनुमान
भारतमाता की जय

मेरे प्यारे देश वासियों
मैं प्रभु श्री राम को प्रणाम कर के अपना यह एक छोटा प्रयोग प्रारंभ करती हूँ । श्री राम के बारे में कुछ कहना या कुछ लिखना किसी मानव के बस की बात नहीं है फिर भी अपनी अल्प बुध्दि से कुछ अपने कुछ विचार प्रस्तुत करना चाहती हूँ । आशा है आप गलतियों को भूल कर मेरा मार्ग दर्शन करेगे ।
मेरे राम अपने हनुमान के साथ हमेशा हमारे साथ रहे हैं । हर पल मैं इनको अपने समीप ही आभास करती हूँ । रामायण की एक एक चौपाई में जीवन की हर समस्या का समाधान है । जब भी मैं बीमार हुई हूँ या अपने आप को असहाय अनुभव किया है, हनुमान चालीसा, सुन्दरकाण्ड और रामायण की चौपायिओं ने मेरी आत्मशक्ति को बढाया है ।
जब भी किसी काम मेंअटकती हूँ, हनुमान चालीसा की यह चौपाई कितनी मददगार हो सकती है आप सोच भी नहीं सकते हैं ।
दुर्गम काज जगत के जेते
सुगम अनुग्रह तुम्हरेतेते
आप ही सोच कर या अनुभव कर के देखे ,यदि काम में सच्चाई है जिंदगी में कितनी भी अड़चन हो मन में हनुमान और श्री राम का ध्यान कर ये चौपाई का मनन करे काम अवश्य पूरा होगा. कितनी सच्चाई है मेरे बजरंगी में।
अपनी कृपा दृष्टि डालो मुझ पर कृपावान हो, मेरे सभी काम ,कठिन से कठिन काम को सरलतम करो ।




श्री राम स्तुति

श्री राम चन्द्र कृपालु भजमन हरण भव भय दारूणम
नव कंज लोचन कंज मुख कर कंज पद कंजारूणमऽऽ

कंदर्प अगणित अमित छवि नवनील नीरद सुंदरम
पटपीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमि जनकसुतावरमऽऽ

भज दीनबन्धु दिनेश दानव दैत्यवंशनिकंदनम
रघुनंद आनंदकंद कौशलचंद दशरथनंदनमऽऽ

सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारू उदारू अंगविभूषणम
आजानुभुज शरचाप धर संग्रामजित खरदूषणमऽऽ

इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम
मम हृदयकुंज निवास कुरू कामादि खलदल गंजनमऽऽ

_ तुलसीदास



3 comments:

  1. In Panktiyon (Lines) ka ullekhan (elaboration) bhi pesh karey. Mere jaisey hindi main tight haath waalon ko har akshar ke peeche chupe arth samajhne main aasani hogi. hum thuch (trivial) baalak aapki bhakti aur kripa se hi aagey badh paayen hai..jai ho maa

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