Thursday, April 22, 2010

जय श्री राम
जय हनुमान
मैं तो पूरी तरह से इनके शरण में जा चुकी हूँ । यह मार्ग तो मुझे मेरे पति ने दिखाया है ,जब मैं बहुत बीमार थी ,१९९५ में ,मैं कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से पीड़ित थी दिल्ली में सभीडॉक्टर ने जवाब दे दिया था ,तब भी मेरे पति ने हिम्मत नहीं हारी ,भगवान् पर भरोसा कर मेरे इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ी . मुंबई में टाटा अस्पताल में तीन साल बड़े धैर्य से इलाज करवाया मुझे याद है हर समय मेरे पति श्री महेश नारायण दीक्षित बजरंग बली के सामने बैठे रहते और सुमिरन करते रहते , ,को नहीं जानत है कपिसंकटमोचन नाम तेहारो ।

आज मैं इनकी तपस्या से जीवित हूँ ,और श्री दीक्षित जी की तरह ही ईश्वर के पूजा अर्चना में रत हो गई हूँ सच
कहूं तो अब इसी में आनंद आने लगा है ।
जब महाभारत जैसे युद्ध में श्री कृष्ण ने हनुमान जी की सहायता लेकर युद्ध प्रारंभ किया और विजयी हुए तो हम लोग साधारण मनुष्य है। बहुत ही आसानी से हमारा काज सँवारेगे। बस मुझे उन पर भरोसा करते हुए अपने काम को करते जाना है ,परिणाम तो शत प्रतिशत अच्छा ही आयेगा ।
और देवता चित्त न धरहिं
हनुमत सेई सर्व सुख करहीं
श्री राम जय राम जय जय राम

3 comments:

  1. संकट कटे मिटे सब पीड़ा
    जो सुमरे हनुमत बल वीरा
    जो हनुमान जी की शरण में गया उसकी सब बीमारी भाग गयी

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  2. I have read in books that the Greatest Journey of a Mankind is when he finds himself. I believe that a journey far greater is when he finds the GOD and peace on his journey. The perfect balance of Life comes when you start treading on that route..Good going Mom..and we are following you on that path. Stay strong.. You are our pillar of strength and support...!

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  3. Well said Mami, it is God who is ultimate master of our life.It is impossible to think of a way without his willing.So those who have surrendered their life for god are the happiest person in the universe

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