Thursday, May 20, 2010

प्रार्थना

गदा लिए बजरंगी आओ, मेरी जान बचाओ |
भंवर फँसी है नैया मेरी इसको पार लगाओ ||
लाकर राम मुद्रिका दीन्ही, सीता मन हरषाया |
दे दो अभय दान अब मुझको क्यों इतना तड़पाया ||
लंक जारि कर अक्ष मारि कर तुमने नाम कमाया |
मुझे सहारा देने में फिर क्यों है समय लगाया ||
करूँ शिकायत तेरी तुमसे,करो न्याय अब भगवन |
दे दो अपनी दया दृष्टि मैं अर्पण कर दूँ तन मन ||

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