Sunday, September 4, 2011

आरती श्री शैल-सुता की....


आरती श्री शैल-सुता की
आरति कीजै शैल-सुता की॥१॥
जगदम्बा की आरती कीजै।
स्नेह-सुधा, सुख सुन्दर पीजै॥२॥
जिनके नाम लेत दृग भीजै।
ऐसी वह माता वसुधा की॥३॥
पाप-विनाशिनी, कलि-मल-हारिणी।
दयामयी, भवसागर तारिणी॥४॥
शस्त्रधारिणी शैल विहारिणी।
बुद्घिराशि गणपति माताकी॥५॥
सिंहवाहिनी मातु भवानी।
गौरव गान करें जगप्रानी॥६॥
शिव के हृदयासन की रानी।
करें आरती मिल-जुल ताकी॥७॥
आरति कीजै शैल-सुता की॥

No comments:

Post a Comment