Monday, July 2, 2012

दशा मुझ दीन की भगवन संभालोगे तो क्या होगा

दशा मुझ दीन की भगवन संभालोगे तो क्या होगा | अगर चरणों की सेवा में लगा लोगे तो क्या होगा || कि नामी पातकी मैं हूँ कि नामी पाप हर हो तुम | जो लज्जा दोनों नामों की बचा लोगे तो क्या होगा || दशा मुझ दीन की भगवन संभालोगे तो क्या होगा | जिन्होंने तुमको करुणा कर पतित पावन बनाया है || उन्ही पतितों को तुम पावन बना लोगे तो क्या होगा | दशा मुझ दीन की भगवन संभालोगे तो क्या होगा || यहाँ सब मुझसे कहते हैं किसी के काम का ना तू | मैं किसका हूँ ये झगड़ा ही मिटा दोगे तो क्या होगा || दशा मुझ दीन की भगवन संभालोगे तो क्या होगा || अजामिल गीध गणिका जिस दया गंगा में बहते हैं | उसी में बूँद सा पापी मिला दोगे तो क्या होगा || दशा मुझ दीन की भगवन संभालोगे तो क्या होगा || दशा मुझ दीन की भगवन संभालोगे तो क्या होगा ||

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