Friday, August 24, 2012

जय जय श्री राम !!!!
मनुष्य के लिए सर्वोत्तम बात यह है कि हम एक क्षण के लिए भी भगवान को न भूलें ....यदि हम यह नियम लेते है कि ...मै  एक पल के लिए भी भगवान को नहीं भूलूंगी .....और उसका पालन भी करते है ....तो हमें इसी जन्म मे भगवान की प्राप्ति हो जाती है ...इसमें तनिक भी संदेह नहीं .....
स्वयं भगवान ने ..गीता ..मे कहा है ...
अनन्यचेताः सततं यो मां स्मरति नित्यशः |
तस्याहं सुलभः  पार्थ नित्य युक्तस्य योगिनः ||
हे अर्जुन .जो पुरुष मुझमे अनन्य चित्त होकर सदा ही निरंतर मुझ पुरुषोत्तम को स्मरण करता है .....उस नित्य निरंतर मुझ मे युक्त होते हुए योगी के लिए मै सुलभ हूँ ...अर्थात उसे मै सहज ही प्राप्त हो जाता हूँ ...
जय जय श्री राम ...
नारायण ..नारायण ..नारायण ...

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