Sunday, February 20, 2011

हवन

हवन

हिन्दू धर्म की धार्मिक परंपराओं में देव पूजा, उपासना, जप, ध्यान, स्नान से हर सुख को पाने के उपाय बताए गए हैं। यह धार्मिक कर्म परेशानियों, चिंताओं और कष्टों में अशांत मन को बल और सुख देते हैं। ऐसे सुखों और खुशियों का आनंद दोगुना तब हो जाता है, जब सुख और आनंद व्यक्ति और परिवार तक सीमित न रहे, बल्कि उसमें समाज या प्रकृति भी शामिल हो जाए।

शास्त्रों में ऐसा ही एक धार्मिक कर्म बताया गया है - हवन। जिसका शुभ प्रभाव न केवल व्यक्ति बल्कि प्रकृति को भी लाभ ही पहुंचाता है। ग्रंथों में अनेक तरह के यज्ञ और हवन बताए गए हैं। विज्ञान भी हवन और यज्ञ के दौरान बोले जाने वाले मंत्र, प्रज्जवलित होने वाली अग्रि और धुंए से होने वाले प्राकृतिक लाभ की पुष्टि करता है।

वैज्ञानिक दृष्टि से हवन से निकलने वाले अग्रि के ताप और उसमें आहुति के लिए उपयोग की जाने वाली हवन की प्राकृतिक सामग्री यानि समिधा वातावरण में फैले रोगाणु और विषाणुओं को नष्ट करती है, बल्कि प्रदूषण को भी मिटाने में सहायक होती है।

इस तरह हवन स्वस्थ और निरोगी जीवन का श्रेष्ठ धार्मिक और वैज्ञानिक उपाय है। खासतौर पर कुछ विशेष काल में किए गए हवन धार्मिक लाभ के साथ प्राकृतिक व भौतिक सुख भी देने वाले माने गए हैं।

इसी क्रम में दीपावली के पांच दिवसीय महाउत्सव के दौरान अलग-अलग देवी-देवताओं की प्रसन्न्ता से धन, ऐश्वर्य की कामनापूर्ति के लिए यज्ञ-हवन का विधान है।नव रात्री में भी हवन का विधान है |

शास्त्रों में हवन से धन, ऐश्वर्य के साथ ही अच्छे स्वास्थ्य और रोगों से छुटकारा देने के लिए कुछ विशेष प्राकृतिक सामग्रियों से हवन का महत्व बताया गया है। जानते हैं अलग-अलग रोग और पीड़ाओं से मुक्ति की इन विशेष हवन सामग्रियों को -

1. दूध में डूबे आम के पत्ते - बुखार

2. शहद और घी - मधुमेह

३. ढाक के पत्ते - आंखों की बीमारी

४. खड़ी मसूर, घी, शहद, शक्कर - मुख रोग

५. कन्दमूल या कोई भी फल - गर्भाशय या गर्भ शिशु दोष

६. भाँग,धतुरा - मनोरोग

७. गूलर,आँवला - शरीर में दर्द

८. घी लगी दूब या दूर्वा - कोई भयंकर रोग या असाध्य बीमारी

९. बेल या कोई फल - उदर यानि पेट की बीमारियां

१०. बेलगिरि,आँवला,सरसों,तिल - किसी भी तरह की रोग शांति

११. घी - लंबी आयु के लिए

१२. घी लगी आक की लकडी और पत्ते - शरीर की रक्षा और स्वास्थ्य के लिए।

फ्रांस के एक वैज्ञानिक त्रेल्ले (Trelle ) ने हवन पर कुछ प्रयोग किये | उन्होंने पता लगाया कि जब आम की लकड़ियों से हवन करते हैं तब वायुमंडल में Formic aldehyde नामक एक गैस निकलती है जिससे हानिकारक bacteria नष्ट होते हैं और वातावरण शुद्ध होता है |यही फल हवा में गुड़ को जलाने से भी प्राप्त होता है | एक और वैज्ञानिक Tautilk ने बताया है कि यदि हवन के धुएं में केवल 30 मिनट तक कोई रहता है तो उसके शरीर में typhoid के germs समाप्त हो जाते हैं |

हवन में आम की लकड़ी के अलावा मुख्यतः चार तरह के पदार्थ प्रयोग में आते हैं -

मीठे पदार्थ जैसे गुड़ , चीनी , बूरा, शहद आदि

प्रतिजैविक (antibiotic ) वस्तु जैसे गूगुल , धूप कपूर आदि

स्वास्थ्य वर्धक वस्तु जैसे घी ,मेवे ,नारियल

सुगन्धित वस्तु जैसे चन्दन ,इलायची ,लौंग आदि

जब हवन करते हैं तो उसका लाभ न केवल हवन करने वालों को मिलता है परन्तु एक बड़े इलाके में उसका लाभ होता है |

चूंकि सफल जीवन के लिए अच्छा स्वास्थ्य भी धन, संपदा माना जाता है। कहा भी जाता है हेल्थ इज वेल्थ और जान है तो जहान है। इसलिए अच्छे स्वास्थ्य और निरोगी जीवन के लिए पूजन-कर्म के साथ इन विशेष हवन सामग्रियों से हवन स्वयं या किसी योग्य ब्राह्मण से कराएं और निरोगी जीवन का लुत्फ उठाए। हवन विशेष त्यौहार नहीं बल्कि नियमित रुप से करने पर घर और परिवार के वातावरण को शुद्ध बनाता है।

No comments:

Post a Comment