Thursday, March 22, 2012

जय माँ शैलपुत्री
जय माँ शैलपुत्री प्रथम, दक्ष की हो संतान।
नवरात्रे के पहले दिन करें आपका ध्यान ॥

अग्नि कुण्ड में जा कूदी, पति का हुआ अपमान।
अगले जनम में पा लिया शिव के पास स्थान ॥

राजा हिमाचल से मिला पुत्री बन सम्मान।
उमा नाम से पा लिया देवों का वरदान ॥

सजा है दाये हाथ में संघारक त्रिशूल।
बाए हाथ में ले लिया खिला कमल का फूल ॥

बैल है वाहन आपका, जपती हो शिव नाम।
दर्शन ने आनंद मिले अम्बे तुम्हे प्रणाम ॥

नवरात्रों की माँ, कृपा कर दो माँ।
जय माँ शैलपुत्री, जय माँ शैलपुत्री ॥

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