Friday, June 8, 2012
एक अर्ज मेरी सुन लो
एक अर्ज मेरी सुन लो, ओ मेरे प्यारे हनुमत !
कर देना मेरी नैया, तुम पार मेरे हनुमत !!
अच्छा हूँ या बुरा हूँ ,हूँ दास मैं तुम्हारा !
जीवन का भार तुम पर है मेरे स्वामी हनुमत !!
तुम हो अधम जनों का उद्धार करने वाले !
मैं हूँ अधम जनों का सरदार मेरे हनुमत !!
करुना निधान तुमको करुना तो होगी करनी !
वरना न होगे दास तुम श्री राम के ओ हनुमत !!
ख्वाईस ये है हमारी कुछ बूँद अश्रु लेकर !
देना मुझे आशीष तुम ओ मेरे प्यारे हनुमत !!
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