शिव पुराण की कैलाश संहिता के अनुसार शिव से ईशान उत्पन्न हुए और ईशान से
पांचतत्वों की उत्पत्ति हुई। पहला तत्व आकाश, दूसरा वायु, तीसरा अग्नि,
चौथा जल और पांचवां पृथ्वी है। इन पांचों का स्वरूप इस प्रकार बताया गया
है। आकाश में एक ही गुण है -शब्द , वायु में शब्द और स्पर्श दो गुण है,
अग्नि में शब्द, स्पर्श और रूप इन तीन गुणों की प्रधानता है, जल में शब्द,
स्पर्श, रूप और रस ये चार गुण माने गए हैं और पृथ्वी शब्द, स्पर्श, रूप, रस
और गंध इन पांच गुणों से संपन्न है। उपरोक्त पांचों तत्वों से संबंधित शिव मंदिर दक्षिण भारत में स्थित है।
1. आकाश तत्व का शिव मंदिर तमिलनाडू के चिदंबरम में है .
2.वायु तत्व का शिव मंदिर श्री कालहस्ती, आंध्र प्रदेश में है .
3.कांचीपुरम में एकम्बरेस्वर मंदिर, जहां भगवान की पूजा उनके पृथ्वी रूप में की जाती है .
4.तिरुचिरापल्ली,( थिरुवनाईकवल) में जम्बुकेस्वर मंदिर, जहां भगवान की पूजा उनके जल रूप में की जाती है.
5.तिरुवनमलाई ,तमिलनाडू में अन्नामलाइयर मंदिर, जहां भगवान की पूजा अग्नि रूप में की जाती है.
1. आकाश तत्व का शिव मंदिर तमिलनाडू के चिदंबरम में है .
2.वायु तत्व का शिव मंदिर श्री कालहस्ती, आंध्र प्रदेश में है .
3.कांचीपुरम में एकम्बरेस्वर मंदिर, जहां भगवान की पूजा उनके पृथ्वी रूप में की जाती है .
4.तिरुचिरापल्ली,( थिरुवनाईकवल) में जम्बुकेस्वर मंदिर, जहां भगवान की पूजा उनके जल रूप में की जाती है.
5.तिरुवनमलाई ,तमिलनाडू में अन्नामलाइयर मंदिर, जहां भगवान की पूजा अग्नि रूप में की जाती है.
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