Tuesday, September 10, 2013

आदिशक्ति स्तुति



हम तेरे ही गुण गातें हैं, चरणों मैं सीस झुकाते हैं |
तेरी जयकार मनाते हैं, जय जय  अम्बे जय जगदम्बें |

जय  दुर्गा आदि भवानी की, जय जय शक्ति महरानी की |
जय  अभयदान वरदानी की , जय अष्टभुजी कल्याणी की | 

     तुम महा तेज हो शक्तिशाली |
     तुम ही हो अदभुत बलवाली |
     तू  रण चण्डी तू महाकाली |
      तुम हम सबकी  हो रखवाली
हम तेरे ही गुण गातें हैं, चरणों मैं सीस झुकाते हैं |1


     तुम दुर्गा बन कर तारती हों |
     चण्डी बन दुष्ट संहारती हों |
     कलि रण में तुम ललकारती हो |
      सबकी तुम बिगड़ी संवारती हो |
हम तेरे ही गुण गातें हैं, चरणों मैं सीस झुकाते हैं |2

     हर दिल में वास तुम्हारा है|
     तेरा ही जग को सहारा  है |
     तुमने ही अपनी शक्ति से |
      बलशाली  दैत्य को मारा है |
हम तेरे ही गुण गातें हैं, चरणों मैं सीस झुकाते हैं |3

     ब्रह्मा विष्णु महादेव बड़े |
     तेरे दर पर कर जोड़ खड़े |
     वर पाने को चरणों में पड़े |
     शक्ति पा जा दैत्यों से लड़े  |
हम तेरे ही गुण गातें हैं, चरणों मैं सीस झुकाते हैं |4

     हर विधा का है ज्ञान तुझे|
     अपनी शक्ति पर मान तुझे |
     हर इक की है पहचान तुझे|
     हर दास का माता ध्यान तुझे |
हम तेरे ही गुण गातें हैं, चरणों मैं सीस झुकाते हैं |5

     ब्रह्मा जब दर पर आते हैं |
     वेदों का पाठ सुनाते हैं |
    विष्णु जी चंवर झुलाते है |
     शिव शम्भु नाद बजाते है|
हम तेरे ही गुण गातें हैं, चरणों मैं सीस झुकाते हैं |6


       तू भद्रकाली है कहलाई |
       तू पारवती बन कर आई |
       दुनिया का पालन करने को |
        तू आदि शक्ति है महामाई |
हम तेरे ही गुण गातें हैं, चरणों मैं सीस झुकाते हैं |7

       भूखों को अन्न खिलाये तू |
       भक्तों के कष्ट मिटाये तू |
       तू दयावान दाती है तू |
        हर मन की आस पुजाये तू |
हम तेरे ही गुण गातें हैं, चरणों मैं सीस झुकाते हैं |8


       निर्धन के तुम भण्डार भरे |
       तुम पतितों का उद्धार करे |
       तुम अपनी भक्ति दे करके |
        भव सागर से भी पार  करे |
हम तेरे ही गुण गातें हैं, चरणों मैं सीस झुकाते हैं |9

       है त्रिलोकी में माँ वास तेरा |
       हर जीव है मैय्या दास तेरा |
      गुण गाता जमीं आकाश तेरा |
       हमको भी है विश्वास तेरा |
हम तेरे ही गुण गातें हैं, चरणों मैं सीस झुकाते हैं |10

       दुनियां के कष्ट मिटा माता |
       हर एक की प्यास बुझा माता |
       हम और नहीं कुछ चाहते हैं |
        बस अपना दास बना माता |
हम तेरे ही गुण गातें हैं, चरणों मैं सीस झुकाते हैं |11

      तू दया करे तो मान भी हो |
     दुनिया की कुछ पहचान भी हो |
     भक्ति  से  पैदा  ज्ञान भी  हो |
      तू कृपा करे कल्याण भी हो |
हम तेरे ही गुण गातें हैं, चरणों मैं सीस झुकाते हैं |12

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