हम तेरे ही गुण गातें हैं, चरणों मैं सीस झुकाते हैं |
तेरी जयकार मनाते हैं, जय जय अम्बे जय जगदम्बें |
जय दुर्गा आदि भवानी की, जय जय शक्ति महरानी की |
जय अभयदान वरदानी की , जय अष्टभुजी कल्याणी की |
तुम महा तेज हो शक्तिशाली |
तुम ही हो अदभुत बलवाली |
तू रण चण्डी तू महाकाली |
तुम हम सबकी हो रखवाली
हम तेरे ही गुण गातें हैं, चरणों मैं सीस झुकाते हैं |1
तुम दुर्गा बन कर तारती हों |
चण्डी बन दुष्ट संहारती हों |
कलि रण में तुम ललकारती हो |
सबकी तुम बिगड़ी संवारती हो |
हम तेरे ही गुण गातें हैं, चरणों मैं सीस झुकाते हैं |2
हर दिल में वास तुम्हारा है|
तेरा ही जग को सहारा है |
तुमने ही अपनी शक्ति से |
बलशाली दैत्य को मारा है |
हम तेरे ही गुण गातें हैं, चरणों मैं सीस झुकाते हैं |3
ब्रह्मा विष्णु महादेव बड़े |
तेरे दर पर कर जोड़ खड़े |
वर पाने को चरणों में पड़े |
शक्ति पा जा दैत्यों से लड़े |
हम तेरे ही गुण गातें हैं, चरणों मैं सीस झुकाते हैं |4
हर विधा का है ज्ञान तुझे|
अपनी शक्ति पर मान तुझे |
हर इक की है पहचान तुझे|
हर दास का माता ध्यान तुझे |
हम तेरे ही गुण गातें हैं, चरणों मैं सीस झुकाते हैं |5
ब्रह्मा जब दर पर आते हैं |
वेदों का पाठ सुनाते हैं |
विष्णु जी चंवर झुलाते है |
शिव शम्भु नाद बजाते है|
हम तेरे ही गुण गातें हैं, चरणों मैं सीस झुकाते हैं |6
तू भद्रकाली है कहलाई |
तू पारवती बन कर आई |
दुनिया का पालन करने को |
तू आदि शक्ति है महामाई |
हम तेरे ही गुण गातें हैं, चरणों मैं सीस झुकाते हैं |7
भूखों को अन्न खिलाये तू |
भक्तों के कष्ट मिटाये तू |
तू दयावान दाती है तू |
हर मन की आस पुजाये तू |
हम तेरे ही गुण गातें हैं, चरणों मैं सीस झुकाते हैं |8
निर्धन के तुम भण्डार भरे |
तुम पतितों का उद्धार करे |
तुम अपनी भक्ति दे करके |
भव सागर से भी पार करे |
हम तेरे ही गुण गातें हैं, चरणों मैं सीस झुकाते हैं |9
है त्रिलोकी में माँ वास तेरा |
हर जीव है मैय्या दास तेरा |
गुण गाता जमीं आकाश तेरा |
हमको भी है विश्वास तेरा |
हम तेरे ही गुण गातें हैं, चरणों मैं सीस झुकाते हैं |10
दुनियां के कष्ट मिटा माता |
हर एक की प्यास बुझा माता |
हम और नहीं कुछ चाहते हैं |
बस अपना दास बना माता |
हम तेरे ही गुण गातें हैं, चरणों मैं सीस झुकाते हैं |11
तू दया करे तो मान भी हो |
दुनिया की कुछ पहचान भी हो |
भक्ति से पैदा ज्ञान भी हो |
तू कृपा करे कल्याण भी हो |
हम तेरे ही गुण गातें हैं, चरणों मैं सीस झुकाते हैं |12