महाकाल की नगरी उज्जैन स्थित 84 महादेवों की अर्चना श्रावण माह में विशेष रूप से की जाती है जब पुरुषोत्तम मास (अधिक मास ) आता है,
तब भी दर्शन यात्रा की जाती हैं । स्कन्द पुराण के अनुसार ८४ लाख
योनियों का भ्रमण करते हुए, मानव योनि में आते है, तो मानव योनि में आने के
पहले ८४ लाख योनियों के भ्रमण में , हम से जो भी दोष हुआ हो , तो इन
८४ महादेव के दर्शन करने से सारे दोषो का निराकरण होता है। ऐसा कहा जाता
है की प्रलय होने पर ८४ महादेव ही अचल रहेंगे।
इनमें पहले व दूसरे स्थान पर आते हैं -
- श्री अगस्तेश्वर महादेव : हरसिध्दि मंदिर के पीछे संतोषी माता के मंदिर मे यात्रा यही से प्रारंभ होती है , तथा अन्त मे पुनः श्री अगस्तेश्वर महादेव के दर्शन -पूजन के उपरांत संपूर्ण होती है ।
- श्री गुहेश्वर महादेव : शिप्रा किनारे रामघाट पर बिना शिखर का मंदिर , श्री धर्मराजजी मंदिर के पास नदी किनारे
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