जय श्री राम जय जय हनुमान ...
हे पवनपुत्र अंजनि नन्दन
तुम नित राम-राम रटते रहते!
तुम प्रभु अपने भक्तो पर,
कॄपा की वर्षा करते रहते!!
पावो मे खड़ाउं है तेरे,
बाएं हाथ मे उचा पर्वत है!
दाए हाथ मे गदा शोभायमान
राम चन्द्र तेरे दिल मे है!!
लाल लंगोटी पहने हो तुम
लाल-लाल तेरी काया है!
हमसे ना तुम रुठो भगवन
हमकोतेरा ही सहारा है!!
मै बसी हुई जग संकट मे
संकट से आके उबारो तुम!
हे कालो के भी महाकाल
अपनी दया से बचा लो तुम!!
हे राम भक्त हनुमान...जय श्री राम जय जय हनुमान ...
Monday, February 6, 2012
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